बप्पी लहरी की कुछ ख़ास यादें

दोस्तों आपका स्वागत है। आज हम बप्पी लहरी की कुछ खास यादें आपके

साथ साझा करने जा रहे हैं। बप्पी दा अपने हस्ताक्षर वाले चश्मे, गले में लदे सोने,

और सफ़ेद जम्प सूट के लिए काफी फेमस थे। यही उनकी पहचान थी।

तो उनके जीवन के बारे में इस लेख में जानत हैं।

इनकी मृत्यु ( Date of death) 15 February 2022 (उम्र 69 ) को हुई।

बप्पी लहरी का स्‍टाइल

बप्पी लहरी (Playback Singer ) के साथ-साथ अच्छे कम्पोसर भी थे।

आज भी उनके गाने लोगों को झूमने पर मजबूर कर देते हैं। उनके गानों

के अलावा वह अपने स्टाइल के लिए भी बेहद मशहूर रहे हैं। बप्पी लहरी

को सोना पहनने का बहुत शौक था।

वह गोल्ड को अपने लिए बेहद लकी मानते थे, इसलिए वह गले में खूब सारी

सोने की चैन और अँगूठिया पहनते थे। ये उनकी एक अलग पहचान थी और

वह चश्मों के भी बेहद शौकीन थे। रात हो या दिन उनकी आँखों से चश्मा

उतरता नहीं था।

बप्‍पी दा को माइकल जैक्‍सन ने अपने शो पर आमंत्रित किया

माइकल जैक्‍सन का एक लाइव शो मुंबई में साल 1996 में हुआ था। बप्‍पी लहिरी बॉलीवुड इंडस्‍ट्री के पहले ऐसे सिंगर थे, जिन्‍हें माइकल जैक्‍सन ने अपने पहले शो में आमंत्रित किया था। हिंदी संगीत में पॉप म्‍यूजिक का मिश्रण करने का श्रेय (Bappi Lahiri Biography in Hindi) बप्‍पी लहरी को ही दिया जाता रहा है। इस कारण उनका विरोध भी हुआ।

बप्पी लहिरी करियर

वह 1970 के दशक के अंत, 1980 के दशक और 1990 के दशक की शुरुआत में नया कदम, आंगन की कली, वारदात, डिस्को डांसर, हथकड़ी, नमक हलाल, मास्टरजी, डांस डांस, हिम्मतवाला, जस्टिस चौधरी, तोहफा सहित फिल्मों के साउंडट्रैक के लिए लोकप्रिय हुए। , मकसद, कमांडो, गैंग लीडर, सैलाब और शराबी

एक संगीत निर्देशक के रूप में, उन्होंने 19 साल की छोटी उम्र में अपने करियर शुरुआत की । उन्हें अपना पहला मौका दादू (1972) नाम की एक बंगाली फिल्म में मिला। पहली हिंदी फिल्म जिसके लिए उन्होंने संगीत दिया था, वह थी नन्हा शिकारी (1973)। ताहिर हुसैन की हिंदी फिल्म ज़ख्मी (1975) उनके करियर का टर्निंग पॉइंट थी। इस फिल्म के लिए, उन्होंने संगीत तैयार किया और एक (Playback Singer ) के रूप में दोगुना हो गया। इस फिल्म ने उन्हें प्रसिद्धि दिलाई और हिंदी फिल्म उद्योग में एक नए युग की शुरुआत की। बाद की फिल्मों चलते चलते और सुरक्षा के लिए उनका संगीत काफी लोकप्रिय था। उन्होंने स्टारडम हासिल किया और अपने समय के सबसे कम उम्र के संगीत निर्देशक बन गए, जिन्होंने इतने कम समय में सफलता की बुलंदियों को छू लिया ।

दोस्तों यह थी बप्पी लहरी की कुछ खास यादें अगर आपको उनकी पूरी बायोग्राफी पढ़नी है तो बहोत लेख मिल जायेंगे। आपको हमारा लेख कैसा लगा कमेंट में बताये और अपने दोस्तों के साझा भी करें।

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