Bihar Sharif: सज्जादा मख़्दूमे जहाँ की दस्तारबंदी की रस्म अदाएगी

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Bihar Sharif: सज्जादा मख़्दूमे जहाँ की दस्तारबंदी की रस्म अदाएगी

Bihar Sharif: सैयद शाह फ़ाज़िले शर्फ फिरदौसी सल्लमहू सज्जादा मख़्दूमे जहाँ की दस्तारबंदी

8 मई 2022 जो उर्दू माह के हिसाब से 6 शव्वाल 1443 हिजरी को हुई।

Bihar Sharif: सज्जादा मख़्दूमे जहाँ की दस्तारबंदी

Bihar Sharif: ख़ानक़ाह खिलवत के सज्जादा नशीन सैय्यद शाह एहसान अहमद फिरदौसी बिहार शरीफ जो की हज़रत मख़्दूमे जहाँ शैख़ शरफुद्दीन अहमद यहया मनेरी रहमतुल्लाहि अलैह की औलाद में से हैं। उन्होंने मख़्दूमे जहाँ की गद्दी अपने बड़े बेटे, सैय्यद शाह फ़ाज़िले शर्फ फिरदौसी सल्लमहू को दी.

सज्जादा मख़्दूमे जहाँ सैय्यद शाह फ़ाज़िले शर्फ फिरदौसी सल्लमहू की

दस्तारबंदी 8 मई 2022 उर्दू माह के हिसाब से 6 शव्वाल 1443 हिज्री को हुई। रस्मे दस्तारबंदी की सदारत ख़ानक़ाह एमादिया के साहब सज्जादा रईसुल मशाइख हज़रत सैय्यद शाह मिस्बाहुल हक़ एमादि ने की, और भी दीगर ख़ानक़ाहों से सज्जादगान तशरीफ़ लाये।

जिसमेँ दरगाह शाह अरज़ां के साहब सज्जादा डॉक्टर सैय्यद शाह हसीन अहमद साहब, ख़ानक़ाह मनेर शरीफ के साहब सज्जादा हज़रत शाह सैय्यद तारिक़ इनायतुल्लाह फिरदौसी साहब. ख़ानक़ाह बारगाहे इश्क़ के साहब सज्जादा हज़रत शाह सैय्यद आमिर साहब के नुमाइंदा मुहम्मद अली साहब, ख़ानक़ाह

सुलेमानिया फुलवारी शरीफ के साहब सज्जादा सैय्यद शाह रेहान चिश्ती के नुमाइंदा सैय्यद शाह तुफैल अहमद जिलानी साहब, ख़ानक़ाह फिरदौसिया

मखदूम नगर बीरभूम के साहब सज्जादा हज़रत सैय्यद शाह ओबैदुर्रहमान फिरदौसी, ख़ानक़ाह बल्ख़िया आलमगंज पटना के साहब सज्जादा सैय्यद शाह

मुज़फ्फर बल्खी, ख़ानक़ाह मुज़ाहरिया मुनिमिया गया के साहब सज्जादा सैय्यद शाह अख्तरउद्दीन, ख़ानक़ाह चिश्तिया अस्दाक़िया पीरबीघा के साहब

सज्जादा सैय्यद शाह रुकनुद्दीन अस्दक के नुमाइंदा सैय्यद शाह सैफुद्दीन अस्दक ख़ानक़ाह शाकिरिया क़मरीया अहसनिया पिंडशरीफ शेखपुरा के

साहब सज्जादा सैय्यद शाह फ़ैज़ानुल हुदा, सज्जादगान और नुमाइंदा के इलावा हज़रत के मुरीदीन रिश्तेदार व अहबाब ने शिरकत किया।

सज्जादा ख़ानक़ाह मनेर शरीफ सज्जादा मख़्दूमे जहाँ को दस्तार पेश करते हुए
सज्जादा ख़ानक़ाह मनेर शरीफ सज्जादा मख़्दूमे जहाँ को दस्तार पेश करते हुए

Bihar Sharif: मख़्दूमे जहाँ के तबर्रुकात

Bihar Sharif: ख़ानक़ाह खिलवत सज्जादा मख़्दूमे जहाँ की दस्तारबंदी के मौके पर मख़्दूमे जहाँ के तबर्रुकात की ज़ियारत भी कराई गई।

जिसमें मख़्दूमे जहाँ के पीर हज़रत शैख़ नजीबुद्दीन फिरदौसी की टोपी मुबारक, मख़्दूमे जहाँ की तस्बीह, हज़रत शाह सैय्यद

वसी अहमद उर्फ़ शाहबराती साहब का खिरका मुबारक, हज़रत शाह सैय्यद अबुल हसनात साहब का पट्टा मुबारक और काबा

शरीफ का गिलाफ शामिल है निचे दिए फोटो में आप भी ज़ियारत करें.

sajjada Makhdoom E Jahan
मख़्दूमे जहाँ के तबर्रुकात

सूफी या सियासत

Bihar Sharif: ख़ानक़ाह खिलवत के सज्जादा मख़्दूमे जहाँ से बातचीत के दौरान हमने

ये पूछा, बिहार की और ख़ानक़ाहों में सरकार का खास योगदान होता है। आपकी ख़ानक़ाह में क्यों नहीं, तो सज्जादा नशीन ने सादगी से जवाब देते हुए कहा की तसव्वुफ़ में सियासत का क्या दखल।

उन्होंने कहा हम फ़क़ीर अगर ये चंद रोज़ की सरकार के पीछे पीछे चले तो अवाम को क्या सन्देश जायेगा। सज्जादा ने कहा हमारी ख़ानक़ाह पुश्त दर पुश्त से चल रही और यहाँ से लोग फैज़ हासिल करते हैं और बहोत जल्द मस्जिद और मदरसे का काम भी शुरू करने वाले हैं।

ख़ानक़ाह क्या है?

Bihar Sharif: सज्जादे ने कहा ख़ानक़ाह का मक़सद और मतलब आज कल के ज़्यादातर

सज्जादगान भूल चुके हैं, वो अपनी मुफाद परस्ती में मुलव्विस हो चुके हैं। ख़ानक़ाह संतो और

दरवेशो के रहने की जगह होती हैं जहाँ ये लोग रह कर अवाम को भलाई और फ़ायदा पहोचाने

का काम करते हैं। मगर आज के तारीख में ज़्यादातर ख़ानक़ाह को देख कर ये लगता है जैसे ये फ़क़ीरों के रहने की कुटिया नहीं बल्कि कोई बड़े अधिकारी या मंत्री का घर हो। उन्होंने ने कहा बिहार सरकार इतना फंड देती है इन ख़ानक़ाहों को जिससे अगर ये चाहे तो बहोत कुछ बदलाव कर सकते है मगर इन फ़क़ीरों को दुनिया में ही जन्नत चाहिए ये क्या अवाम को फैज़ पहुचायेंगे. जो अपने गली मोहल्ले की सड़कें ठीक नहीं करा सकते ऐसे फ़क़ीर कभी मआशरे को नहीं बदल सकते।

छोटी उम्र में बेटे को गद्दी पर बैठाया

हमने Bihar Sharif: सज्जादा मख़्दूमे जहाँ से पूछा इतने कम उम्र में बड़े बेटे को खिलाफत क्यों दी तो उन्होंने बताया वो

लम्बे अर्से से बीमार चल रहे हैं, उनकी दोनों किडनी फेल है, और डायलसिस पे हैं. इसलिए बेटे को पढाई के

दौरान खिलाफत दे दिया। उन्होंने ने कहा हमारी ख़ानक़ाह खिलवत तक़रीबन 600 वर्ष से ज़्यादा पुरानी है,

और मख़्दूमे जहाँ शैख़ शरफुद्दीन अहमद यहया मनेरी की गद्दी है।

Khnquah Khilwat

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